देश संकट मे है बचाना है!
गज़ल
देश संकट मे है बचाना है!
गम है् अपना हमें उठाना है!
आम जनता बचे बचे न बचे,
पहले कुर्सी उन्हें बचाना है!
चाहे शमशान देश बन जाए,
फूल अपना उन्हें खिलाना है!
देश में चल रहे चुनावों में,
है करोना कहाँ न जाना है!
भाड़ में जाये देश ये ‘प्रेमी’,
उनको् सरकार बस बनाना है!
……✍ ‘प्रेमी’