देश में फिर से चुनावी चोचले हैं छा गये।
मुक्तक
देश में फिर से चुनावी चोचले हैं छा गये।
झूठे वादे भूलकर फिर से रिझाने आ गये।
अब गरीबी भुखमरी बेरोजगारी छोड़कर,
देश मे उन्नति बहुत है ये बताने आ गये।
……✍️ प्रेमी
मुक्तक
देश में फिर से चुनावी चोचले हैं छा गये।
झूठे वादे भूलकर फिर से रिझाने आ गये।
अब गरीबी भुखमरी बेरोजगारी छोड़कर,
देश मे उन्नति बहुत है ये बताने आ गये।
……✍️ प्रेमी