देश -परदेश
छोड़ के देश परदेश तू क्यों चला
नोट की चाह में तू जुदा हो चला
रोज अपनी भूमि को करे याद वो
छोड़ यह देश नूतन जहाँ को चला
छोड़ के देश परदेश तू क्यों चला
नोट की चाह में तू जुदा हो चला
रोज अपनी भूमि को करे याद वो
छोड़ यह देश नूतन जहाँ को चला