देश टूटेगा नहीं…
प्रिय शहीदों को नमन् है देवता,
जिनसे ज़िन्दा निज वतन है देवता!
शत्रु को सैनिक सबक सिखलाएँगे,
जलती उर में यूँ अगन है देवता!
फूल खिलते हैं जहाँ बलिदान के,
देश निज ऐसा चमन है देवता!
देश टूटेगा नहीं यै शत्रु सुन,
लड़ने की अद्भुत लगन है देवता!
देंगे हम उत्तर ‘सरस’ षड्यंत्र का,
देशहित जीवन हवन है देवता!
*सतीश तिवारी ‘सरस’,नरसिंहपुर (म.प्र.)