देश के नाम सब कुर्बान
सूर्ये कि भांति चमकता रहे यह देश मेरा
दुनिया के नक्शे पर दमकता रहे देश मेरा
दुनिया भर के देश सलाम करते रहे इसको
क्यों कि सब से जानदार है यह देश मेरा !!
मर मिट जाऊं इस देश कि खातिर न होगा मलाल मुझको
हवा, पानी, भूमि , आकाश, जल से है प्रेम मुझको
गर दुश्मन आँख उठा कर देख ले तिरछी नजर से
बस दिल करता है, ईसी वक्त कफ़न पहना दूं जाकर उसको !!
देश कि सेना का जोश किस बाहरी मुल्क से छुपा नहीं है
जोशीला अंदाज हैं इन सैनिको का कभी किसी से रुका नहीं है
छुप कर वार करते हैं आंतकवादी इन, बेहथियार सेनिकों पर
जब हथियार हों हाथ में तो फिर इस से बुरा कोई नहीं है !!
नेता गिरी का देश है , भरा पड़ा है, नेतागिरी के आर्डर से
काश हर सैनिक के हाथो होता आर्डर तो दिखता जोश जवानो में
बर्बाद कर देते उन सभी के आंतकवादी होसलो को
जो आँख उठा, देख लेता , भारत माता कि उस सीमा को !!
गाँधी गिरी ने जब नीचा दिखा कर थप्पड़ दूसरा खा लिया
दुनिया भर ने दोस्तों, भारत माता को नीचे दबा लिया
वो लोग अब परलोक सिधार गए, जब कभी ऐसा होता था
अब वो होता है, भारत में, जो पहले कभी नहीं होता था !!
किसी चीज कि कमी नहीं है, भारत माता कि सुनी गोद में
हर घर का एक एक लाल कुर्बान हो जाता है इस माँ की गोद में
मै “अजीत” पैदा हुआ भारत माता तेरी ममता की ही गोद में
कुर्बानी अगर चढ़ जाऊ, तो कोई मलाल नहीं, तेरी इस गोद में !!
कवि अजीत कुमार तलवार
मेरठ