Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Apr 2021 · 1 min read

देश की चौथी सबसे बड़ी रिकॉर्डस बुक ” ओ एम जी बुक ऑफ रिकॉर्डस ” का वार्षिक अंक का विमोचन होटल दि ललित में सम्पन्न

– साथ ही सरकारी नियम और गाइडेंस के अनुसार संपन्न हुआ आय टी गोल्डन ग्लोब अवार्ड
– पुरस्कार मिले ना मिले लेकिन आविष्कार और योगदान रोज चलते रहना चाहिए – AANANDSHREE

मुम्बई- २५ मार्च २०२१

कोरोना का आतंक, कोरोना का बढता प्रकोप के बीच मे देश की चौथी सबसे बड़ी रिकॉर्डस बुक ” ओ एम जी बुक ऑफ रिकॉर्डस ” का वार्षिक अंक का विमोचन होटल दि ललित में सम्पन्न हुआ।
मुख्य अतिथि के तौर पर मशहूर डायबिटोलॉजिस्ट डॉ संदीप सिंह, जेष्ठ साहित्यकार डॉ योगेश जोशी, उद्योगपति शांतनु जी, समाजसेविका शिला शर्मा, डॉ अनिता गुप्ता , डॉ दिनेश गुप्ता – आनंदश्री द्वारा किया गया।

ज्ञात हो कि ओ एम जी बुक ऑफ रेकॉर्ड्स एक वार्षिक संदर्भ पुस्तिका है,जिसमे अलग अलग क्षेत्र में अपना नाम बनाने वाले, खिलाड़ी,शक्तिप्रदर्शक, कुछ अलग बाते, लेखक, समाजसेवी, अचरज बातों का समावेश किया गया है। लगभग इस पुस्तक में 400 से अधिक रिकॉर्ड्स धारियों का समावेश है।

इस पुस्तक के एडिटर प्रो डॉ दिनेश गुप्ता आनंदश्री है, जो स्वयम कई बुक ऑफ रिकार्डस में अपना नाम दर्ज करवा चुके है। आपका इस रिकॉर्ड्स क्षेत्र में 10 वर्षो का अनुभव है। साथ ही सहसंपादक डॉ अनिता गुप्ता है जो ओ एम जी बुक ऑफ रिकॉर्ड्स की आपरेशन मैनेजर और पर्यवेक्षक है।

दिनेश जी का कहना है कि हर व्यक्ति में टैलेंट होता है, लेकिन वह उस टेलेंट से वह अनजान रहता है। इंसान को चाहिए कि उस टेलेंट को जान लो, दुनिया के सामने प्रदर्शित करो और फिर सब ईश्वर पर छोड़ दो। अंत मे आप पाओगे आपका जीवन एकदम चमत्कार से भरा होगा।

Language: Hindi
Tag: लेख
474 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
आज नहीं तो कल निकलेगा..!
आज नहीं तो कल निकलेगा..!
पंकज परिंदा
सोचा नहीं था एक दिन , तू यूँ हीं हमें छोड़ जाएगा।
सोचा नहीं था एक दिन , तू यूँ हीं हमें छोड़ जाएगा।
Manisha Manjari
किसी और के आंगन में
किसी और के आंगन में
Chitra Bisht
मुक्तक...छंद-रूपमाला/मदन
मुक्तक...छंद-रूपमाला/मदन
डॉ.सीमा अग्रवाल
आगे पीछे का नहीं अगल बगल का
आगे पीछे का नहीं अगल बगल का
Paras Nath Jha
हर दिल में प्यार है
हर दिल में प्यार है
Surinder blackpen
कलाकार
कलाकार
Shashi Mahajan
विषधर
विषधर
Rajesh
*अपना-अपना दृष्टिकोण ही, न्यायाधीश सुनाएगा (हिंदी गजल)*
*अपना-अपना दृष्टिकोण ही, न्यायाधीश सुनाएगा (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
पत्नी व प्रेमिका में क्या फर्क है बताना।
पत्नी व प्रेमिका में क्या फर्क है बताना।
सत्य कुमार प्रेमी
*
*"रोटी"*
Shashi kala vyas
..
..
*प्रणय*
*बेसहारा बचपन*
*बेसहारा बचपन*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
मुझे सहारा नहीं तुम्हारा साथी बनना है,
मुझे सहारा नहीं तुम्हारा साथी बनना है,
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
मनोव्यथा
मनोव्यथा
मनोज कर्ण
कृपया मेरी सहायता करो...
कृपया मेरी सहायता करो...
Srishty Bansal
"फलसफा "
Dr. Kishan tandon kranti
کچھ متفررق اشعار
کچھ متفررق اشعار
अरशद रसूल बदायूंनी
जैसी बदनामी तूने मेरी की
जैसी बदनामी तूने मेरी की
gurudeenverma198
दोहा- सरस्वती
दोहा- सरस्वती
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
हौसलों कि उड़ान
हौसलों कि उड़ान
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
मेरा गुरूर है पिता
मेरा गुरूर है पिता
VINOD CHAUHAN
चलते हैं क्या - कुछ सोचकर...
चलते हैं क्या - कुछ सोचकर...
Ajit Kumar "Karn"
ज़िन्दगी
ज़िन्दगी
Santosh Shrivastava
4729.*पूर्णिका*
4729.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
तुम्हें निभाना नहीं आया
तुम्हें निभाना नहीं आया
हिमांशु Kulshrestha
पूर्वानुमान गलत हो सकता है पर पूर्व अनुभव नहीं।
पूर्वानुमान गलत हो सकता है पर पूर्व अनुभव नहीं।
Rj Anand Prajapati
बचपन के वो दिन कितने सुहाने लगते है
बचपन के वो दिन कितने सुहाने लगते है
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
असूयैकपदं मृत्युरतिवादः श्रियो वधः।
असूयैकपदं मृत्युरतिवादः श्रियो वधः।
डा. सूर्यनारायण पाण्डेय
ग़ज़ल _ थी पुरानी सी जो मटकी ,वो न फूटी होती ,
ग़ज़ल _ थी पुरानी सी जो मटकी ,वो न फूटी होती ,
Neelofar Khan
Loading...