देश की अखण्डता
देश की अखण्डता को,
चाहिए सशक्त रक्त,
देह में “भगत” जैसी
जान होनी चाहिए…!!
हिंदी हिन्दू हिंद और
एक राष्ट्रगान अब
देश की ही चारों ओर
शान होनी चाहिए…!!
प्रेम की झंकार संग
झूमे सब अंग अंग
केशव की बाँसुरी सी
तान होनी चाहिए…!!
रंग रूप भूल कर
जाति भेद छोड़कर
एकता हमारी पह-
चान होनी चाहिए…!!
पंकज शर्मा “परिंदा”