देश और आठ साल
आदमी हर तरह से निचौड़ दिया गया,
8 नवंबर,2016 की बात है.
सुबह उठा सब अव्यवस्थित था,
मेरे अपने पैसे के लिए लम्बी कतार में था,
जन धन खाते खोले गये,
उसमें भी व्यापार था,
आदमी बड़ा समझदार था,
यू पी जीतने का एक मात्र उपाय था,
मुस्लिम भाईयों का बस इतना कसूर था,
मतदान में रुझान इनकी तरफ नहीं था,
आपदा में अवसर.
ध्यान कोरोना महामारी पर नहीं,
कृषक की जमीन पर था,
उज्ज्वला गैस एक और दो.
सब्सिडी हजम करने का प्लान था,
गब्बर सिंह टैक्स से हर व्यापारी जमीन पर था,
इनका खजाने लबालब
ध्यान फिर भी,
सरकार गिराने,
और पॉवर बढाने की और था,
अब क्या लिखूं
इनके देशहित राष्ट्रवाद का बखान,
न्यायपालिका को रख ताक पर,
बुलडोजर में समाधान निहित है,
पहले हिंदू मुस्लिम करों,
धैर्य ना टूटे तो.
मीडिया पर मां बहन करो.
शेष क्रमशः…