……देशभक्त पहरेदार रहा हूँ मैं !
……..देशभक्त पहरेदार रहा हूँ मैं
@ दिनेश एल० “जैहिंद”
देश पर कुर्बां होने के लिए बेक़रार रहा हूँ मैं ।
ना मर सका देश के लिए कसूरवार रहा हूँ मैं ।।
जज़्बात-ए-रूह मचलते रह गए दिल में मेरे,,
कभी हाथ में मेरे हो बंदूक तलबगार रहा हूँ मैं ।।
अफसोस इस बात का खलता ही रहा मुझको,,
ना चुका सका माटी का कर्ज कर्जदार रहा हूँ मैं ।।
जिंदगी मेरी ना काम आ सकी देश की खातिर,,
महसूस हो रहा अब मुझको के बेकार रहा हूँ मैं ।।
वीरता की स्याही में डूबोके जोशे गजल लिखूँ,,
मातृभूमि के परवानों का कलमकार रहा हूँ मैं ।।
सोचके ये सब्र कर रक्खा अब तो मैं बरसो से,,
“जैहिंद” के रूप में देशभक्त पहरेदार रहा हूँ मैं ।।
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दिनेश एल० “जैहिंद”
17. 08. 2017