Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Jan 2020 · 2 min read

देशभक्ति

” पापा मुझे भी तिरंगा झंडा दिलवाओ ना , कल स्कूल में सब बच्चों के लिए मुझे ही ले जाना है। ”
मनीष ने कहा ।
” हाँ बेटा चलो अभी दिलवा देते हैं।”
रमेश ने कहा, वो उसी स्कूल में अध्यापक हैं।
बाजार में कई बच्चे तिरंगा झंडे बेच रहे थे ।
रमेश ने एक बच्चे को झंडा लेने के लिए बुलाया
वह मुफ्त में दे रहा था ।
रमेश को आश्चर्य हुआ और नाम पूछा :

तब उस बच्चे ने अपना नाम सुमित बताय और उसने कहा :
” साहब मैंने यह घर पर ही
बनाये हैं । ”
तभी मनीष ने कहा :
” पापा हम यह सभी तिरंगे झंडे ले लेते हैं ”
और सब झंडे ले लिये और सुमित को स्कूल आने का निमंत्रण दिया ।
26 जनवरी को मनीष और सुमित को ले कर स्कूल आये और सुमित के झंडे सब बच्चों को बांटते हुए सुमित के देशभक्ति के काम को सब लोगों को
बताया ।
प्राचार्य ने सुमित के काम को सच्ची देशभक्ति बताया और सब बच्चों को देश के लिए कुछ न कुछ करने का संकल्प दिलवाया । जिसमें ईमानदारी, मेहनत और लगन से पढ़ाई करने और बड़े हो कर अपने काम को ईमानदारी से करने के लिए कहा ।
जिसकी सभी बच्चों ने शपथ ली ।
रमेश ने बताया :
” देशभक्ति एक जज़्बा है , देश के लिए हम जो भी अच्छे काम करेंगे वह एक उदाहरण होगा और देश के लिए हमारा योगदान होगा ।”
अगले दिन सुमित के देशभक्ति के काम सभी समाचार पत्र में छपे और कलेक्टर साहब ने सम्मानित किया ।

स्वलिखित
लेखक संतोष श्रीवास्तव

Language: Hindi
1 Like · 1 Comment · 557 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
प्रेम चेतना सूक्ष्म की,
प्रेम चेतना सूक्ष्म की,
sushil sarna
दोय चिड़कली
दोय चिड़कली
Rajdeep Singh Inda
यदि सलाह देने की स्थिति में होता तो कई मित्रों से कहता कि आप
यदि सलाह देने की स्थिति में होता तो कई मित्रों से कहता कि आप
*प्रणय प्रभात*
हरियर जिनगी म सजगे पियर रंग
हरियर जिनगी म सजगे पियर रंग
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
किसी को किसी से फ़र्क नहीं पड़ता है
किसी को किसी से फ़र्क नहीं पड़ता है
Sonam Puneet Dubey
कुत्तों की बारात (हास्य व्यंग)
कुत्तों की बारात (हास्य व्यंग)
Ram Krishan Rastogi
23/48.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/48.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
ଖେଳନା ହସିଲା
ଖେଳନା ହସିଲା
Otteri Selvakumar
रास्ते है बड़े उलझे-उलझे
रास्ते है बड़े उलझे-उलझे
Buddha Prakash
अगर कभी मिलना मुझसे
अगर कभी मिलना मुझसे
Akash Agam
ओस
ओस
पूनम कुमारी (आगाज ए दिल)
शेर ग़ज़ल
शेर ग़ज़ल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
खुद को पाने में
खुद को पाने में
Dr fauzia Naseem shad
दिवाली मुबारक नई ग़ज़ल विनीत सिंह शायर
दिवाली मुबारक नई ग़ज़ल विनीत सिंह शायर
Vinit kumar
लेखक डॉ अरुण कुमार शास्त्री
लेखक डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
"पहले मुझे लगता था कि मैं बिका नही इसलिए सस्ता हूँ
गुमनाम 'बाबा'
प्रकृति हर पल आपको एक नई सीख दे रही है और आपकी कमियों और खूब
प्रकृति हर पल आपको एक नई सीख दे रही है और आपकी कमियों और खूब
Rj Anand Prajapati
श्री भूकन शरण आर्य
श्री भूकन शरण आर्य
Ravi Prakash
कहानी-
कहानी- "खरीदी हुई औरत।" प्रतिभा सुमन शर्मा
Pratibhasharma
प्रेम का असली सौंदर्य तो प्रतीक्षा में दिखता है, जहां धैर्य
प्रेम का असली सौंदर्य तो प्रतीक्षा में दिखता है, जहां धैर्य
पूर्वार्थ
अंतस का तम मिट जाए
अंतस का तम मिट जाए
Shweta Soni
बंधे रहे संस्कारों से।
बंधे रहे संस्कारों से।
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
#गुरु ही साक्षात ईश्वर (गुरु पूर्णिमा पर्व की अनंत हार्दिक श
#गुरु ही साक्षात ईश्वर (गुरु पूर्णिमा पर्व की अनंत हार्दिक श
krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर
लहरों ने टूटी कश्ती को कमतर समझ लिया
लहरों ने टूटी कश्ती को कमतर समझ लिया
अंसार एटवी
कोशिश बहुत करता हूं कि दर्द ना छलके
कोशिश बहुत करता हूं कि दर्द ना छलके
इंजी. संजय श्रीवास्तव
दगा बाज़ आसूं
दगा बाज़ आसूं
Surya Barman
माइल है दर्दे-ज़ीस्त,मिरे जिस्मो-जाँ के बीच
माइल है दर्दे-ज़ीस्त,मिरे जिस्मो-जाँ के बीच
Sarfaraz Ahmed Aasee
"कवियों की हालत"
Dr. Kishan tandon kranti
Thought
Thought
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
उस देश के वासी है 🙏
उस देश के वासी है 🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
Loading...