देवी दोहा
दर पर आया भक्त माँ ,लेकर मन में आस ।
खुशियां दो मुझको सदा, रखो हृदय के पास ।।
यश वैभव देती सदा, करती बुद्धि विकास।
तेरे दर्शन मात्र से, पूरी हो हर आस।।
हरो दास का कष्ट माँ, करूँ आपका ध्यान।
भोग तेरा माता लगे, सदा शहद अरु पान।।
देवी पूजा अर्चना, नमन करूँ कर ध्यान।
माँ दुर्गा सुखदायनी, दुख का करे निदान।।
माँ का सुमिरन जो करे, और करे गुणगान।
पापों से मुक्ती मिले, माता दे वरदान।।
अभिनव मिश्र”अदम्य”