*** देने का असीम सुख **
।।ॐ श्री परमात्मने नमः ।।
***” देने का असीम सुख ‘***
एक सूफी संत था और उनका शिष्य रोज सुबह बैठकर कुछ देर तक ज्ञान की चर्चा करते थे गर्मी का मौसम में आश्रम में भी भीषण गर्मी पड़ रही थी तो शिष्य ने सोचा क्यों न गुरूजी के लिए एक कूलर की व्यवस्था की जाये ….शिष्य बाजार और सूफी संत के लिए कूलर खरीदने लगा परन्तु उसे समझ नहीं आ रहा था कि कौन से रंग का कूलर खरीदे ….? ? ? फिर दिमाग पर याद आया कि सूफी संत को हरे रंग ? का कूलर पसंद आयेगा .. कूलर खरीदकर सूफी संत को उपहार स्वरूप भेंट किया लेकिन कूलर उपहार भेंट लेने से मना कर दिया उन्होंने कहा – ये क्या उठाकर ले आये हो इसका हरा रंग भी अजीब सा है ।हम साधना, तप करते हैं तो वैसे भी भौतिक सुख सुविधाओं की जरूरत नही पड़ती है इसे वापस ले जाओ …शिष्य ने बोला ये आपका पसंदीदा रंग है हरे रंग की प्रधानता है कृपया आप इसे स्वीकार कीजिए .! बहुत अनुरोध करने पर संत ने कहा – अच्छा चलो ठीक है लेकिन एक काम करो पहले कूलर का कोई दूसरा रंग बदलकर ले आओ और ऐसी जगह पर पहुँचा कर आओ जहां का मैं पता देता हूँ उस जगह पर कूलर पहुँचाने की व्यवस्था कर दो ….! ! !
शिष्य ने पहले उस कूलर को बदल कर दूसरे पीले रंग ? का कूलर खरीदकर संत के बताये गये स्थान पर भेजने की व्यवस्था कर दी गई थी जहाँ पर भेजना चाहते थे।वहाँ जाकर शिष्य देखता है कि अत्यंत गरीब परिवार की बेटी की शादी हो रही थी शिष्य ने बाहर से ही आवाज लगाई और घर के सदस्यों से कहा – सूफी संत ने यह कूलर आपकी बेटी की शादी में उपहार स्वरूप प्रदान किया है वह गरीब परिवार इस खुशी के मौके पर ये अनमोल तोहफा लेकर धन्यवाद देते हुए उस गरीब परिवार की आँखों में ख़ुशी के आँसू आ गये उन भावुक क्षणों को देख शिष्य अपने को कृतार्थ महसूस किया …..
*खुशियों का कोई मोल नहीं ये अनमोल धरोहर है और जितनी खुशियाँ उपहार स्वरूप बांटेंगे उतनी ही अधिक मात्रा में दुगुना बढ़ते ही जायेगा किसी चीज की तुलना न करके जीवन में कभी ऐसा महसूस होता है .शिष्य ने यह अद्भुत नजारा अपनी आँखों से देखकर सूफी संत को बतलाया था *दूसरों की खुशियों से बढकर दुनिया में कोई कुछ भी नही है इस अमूल्य योगदान से सकारात्मक ऊर्जा भी मिलती है और दूसरों के खिले हुए चेहरों से अपने अंदर भी ख़ुशी महसूस होती है और आगे चलकर दुगुना आनंद प्राप्त होता है *
स्वरचित मौलिक रचना ??
*** शशिकला व्यास ***
#* भोपाल मध्यप्रदेश #*