Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Apr 2023 · 1 min read

देते फल हैं सर्वदा , जग में संचित कर्म (कुंडलिया)

देते फल हैं सर्वदा , जग में संचित कर्म (कुंडलिया)
—————————————————-
देते फल हैं सर्वदा , जग में संचित कर्म
अच्छा या मिलता बुरा ,उसका यह ही मर्म
उसका यह ही मर्म ,कर्म से कब बच पाता
पीछा करता कर्म , दूर तक दौड़ा आता
कहते रवि कविराय , हमेशा वापस लेते
मिलता वह ही लौट ,प्रकृति को जो हम देते
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
संचित = इकट्ठा या जमा किया हुआ
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451

431 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ravi Prakash
View all

You may also like these posts

पितृ दिवस पर....
पितृ दिवस पर....
डॉ.सीमा अग्रवाल
वक्त और दूरी
वक्त और दूरी
पूर्वार्थ
*मकर संक्रांति पर्व
*मकर संक्रांति पर्व"*
Shashi kala vyas
अहंकार
अहंकार
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
बिहार के रूपेश को मिलेगा
बिहार के रूपेश को मिलेगा "विश्व भूषण सम्मान- 2024"
रुपेश कुमार
*अदृश्य पंख बादल के* (10 of 25 )
*अदृश्य पंख बादल के* (10 of 25 )
Kshma Urmila
चला तू चल
चला तू चल
अनिल कुमार निश्छल
"समय का मूल्य"
Yogendra Chaturwedi
राम-अयोध्या-सरयू का जल, भारत की पहचान हैं (गीत)
राम-अयोध्या-सरयू का जल, भारत की पहचान हैं (गीत)
Ravi Prakash
धड़कन हिन्दुस्तान की.........
धड़कन हिन्दुस्तान की.........
sushil sarna
#मंगलकामनाएं
#मंगलकामनाएं
*प्रणय*
दिल से सुंदर होना जरूरी है,
दिल से सुंदर होना जरूरी है,
Kanchan Alok Malu
व्यंग्य क्षणिकाएं
व्यंग्य क्षणिकाएं
Suryakant Dwivedi
अब आ भी जाओ
अब आ भी जाओ
Shikha Mishra
मेरी फूट गई तकदीर
मेरी फूट गई तकदीर
Baldev Chauhan
राम मंदिर
राम मंदिर
Sanjay ' शून्य'
मुझे मेरा गांव याद आता है
मुझे मेरा गांव याद आता है
आर एस आघात
"शौर्य"
Lohit Tamta
ठहरना मुझको आता नहीं, बहाव साथ ले जाता नहीं।
ठहरना मुझको आता नहीं, बहाव साथ ले जाता नहीं।
Manisha Manjari
ग़ज़ल
ग़ज़ल
आर.एस. 'प्रीतम'
नसीब की चारदीवारी में कैद,
नसीब की चारदीवारी में कैद,
हिमांशु Kulshrestha
खानदानी चाहत में राहत🌷
खानदानी चाहत में राहत🌷
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
दिल से निभाती हैं ये सारी जिम्मेदारियां
दिल से निभाती हैं ये सारी जिम्मेदारियां
Ajad Mandori
भारत माता का गौरव गान कीजिए
भारत माता का गौरव गान कीजिए
Sudhir srivastava
बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ सब कहते हैं।
बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ सब कहते हैं।
राज वीर शर्मा
यदि है कोई परे समय से तो वो तो केवल प्यार है
यदि है कोई परे समय से तो वो तो केवल प्यार है " रवि " समय की रफ्तार मेँ हर कोई गिरफ्तार है
Sahil Ahmad
खुद की नज़रों में भी
खुद की नज़रों में भी
Dr fauzia Naseem shad
बेपरवाह
बेपरवाह
Omee Bhargava
एक सिपाही
एक सिपाही
पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"
"मैंने सीखा"
Dr. Kishan tandon kranti
Loading...