#देख_लिया
#मुक्तक
■ देख लिया…!
【प्रणय प्रभात】
घर से बाहर निकल के देख लिया।
गिरते-गिरते संभल के देख लिया।।
कुछ न बदला हमी ने बस ख़ुद को।
एक हद तक बदल के देख लिया।।
【प्रणय प्रभात】
#मुक्तक
■ देख लिया…!
【प्रणय प्रभात】
घर से बाहर निकल के देख लिया।
गिरते-गिरते संभल के देख लिया।।
कुछ न बदला हमी ने बस ख़ुद को।
एक हद तक बदल के देख लिया।।
【प्रणय प्रभात】