देख लो दोहे बिहारी के सभी जीवंत हैं
शब्द संयोजन, अटल आधार होना चाहिए ।
कम सही,थोथा नहीं,कुछ सार होना चाहिए ।
देख लो दोहे बिहारी के सभी जीवंत हैं,
जो लिखो दिल से वो’ दिल के पार होना चाहिए ।
——-@ विवेक आस्तिक – – – –
ब्रह्मा, विष्णु, महेश सभी को, अपने वश कर लेती है ।
रोम-रोम में ममतारूपी, गंग धार भर लेती है ।
थक जाता जब उड़ते-उड़ते, पंछी बीच गगन कोई,
मैया के आँचल की छाया, सारा दुःख हर लेती है ।
——-@विवेक आस्तिक – –