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1 Aug 2021 · 1 min read

देख रही हूँ …

देख रही हूँ खुल रहा है धीरे धीरे ये शहर ,
सुनहरी होने लगी है धीरे धीरे ये सहर !
चलों कहीं दूर निकलते हैं
तेज़ बरखा में भीगते हैं
उस सौंधी सौंधी सी माटी की
ख़ुशबू में जी लेते हैं ……

Language: Hindi
2 Likes · 364 Views

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