देख रहा है ऊपर वाला — गजल/ गीतिका
मन में पाप छुपा कर रखना, कोई अच्छी बात नहीं ।
देख रहा है ऊपर वाला ,फिर देगा वह साथ नहीं ।
दिल खोल कर कहना यारो ,साफ साफ ही तुम कहना ,
एक बार जो टूटे भरोसा,मानेगा फिर कोई बात नहीं ।।
मन के भाव आपके तो हर कोई पड़ सकता है।
चेहरा न छुपाओ अपना, अच्छे यह जज्बात नहीं।।
सोच बदल कर देखो अपनी दुनिया बड़ी निराली है।
ना ढूंढो तुम कमियां इसमें हमको यह सुहात नहीं।।
खुशियों में जीना सीखो क्यों खोए से रहते हो।
जो मिलना है मिल जाएगा इसमें किसी का हाथ नहीं।।
सब को बनाया उस ईश्वर ने तुम अकेले एक नहीं।
हर दिल के अंदर खोजो तुमको मिलेगा नाथ यही।।
राजेश व्यास अनुनय