*देखो भईया ये आज़ादी कैसी लूट मची है*
धर्म और जाति पर देखो कैसी लूट मची है
आज भाई-भाई में देखो कैसी लूट मची है
हर हराम का खाकर हलाल है जो कहता
देखो भईया ये आज़ादी कैसी लूट मची है।।
मधुप बैरागी
धर्म और जाति पर देखो कैसी लूट मची है
आज भाई-भाई में देखो कैसी लूट मची है
हर हराम का खाकर हलाल है जो कहता
देखो भईया ये आज़ादी कैसी लूट मची है।।
मधुप बैरागी