देखो ना घबराना तुम
देखो ना घबराना तुम
*******************
दुःख हो,सुख हो, छाँव, धूप हो,
हरदम ही मुस्काना तुम।
देखो ना घबराना तुम।।
जब हो सर पर आँधी, तूफ़ां,
लीची वृक्ष बन जाना तुम,
ना बनकर के यूकिलिप्टस,
कहीं टूट ना जाना तुम।
देखो ना घबरा तुम।।
यदि मौसम पतझड़ का आए,
जब सारे पत्ते गिर जाँए,
धैर्य धीरज रख धीरे यूँ,
मुस्काकर खिल जाना तुम।
देखो ना घबराना तुम।।
जब मन सरिता उफनाये,
लहरें जब हिचकोले खाये,
बनकर अगाध तब शांत सागर,
मस्त चाल बह जाना तुम।
देखो न घबराना तुम।।
*************************
Ashok.Sharma.13.05.21
*************************