देखो कैसा रंग भर दिया
देखो कैसा रंग भर दिया
यहां कुदरत ने हर चीज में
नीला अम्बर है जाने कैसे
पानी को चाहे रंग लो जैसे
हरे पात सबको हैं भाते
रंग बिरंगे हैं फूल लुभाते
फसल सुनहरी हो जाती है
तब तितली भी हर्षाती है
कितने रंग बिखराते पंछी
सबका दिल बहलाते पंछी
इंद्रधनुष में सात रंग होते
सपने भी हैं सतरंगी होते
लोगों पर रंग चढ़ जाता है
‘विनोद’ रंगीला हो जाता है