देखे दुनिया के रंग ____ गीत
देखे दुनिया के हैं रंग सभी की अपनी-अपनी जंग।
जीवन में है जंग रे बंधु जीवन में है जंग।
कोई स्वयं है तंग तो कोई रंग में डालता भंग।।
देखे दुनिया के है रंग___________
ए ए ए ए कोई धन की चाह में तड़फे।
धन वाले निर्धन पर भड़के ।
किसी के घर में रोटी के कड़के।
सुनते नहीं किसी के लड़के।।
रूप रंग की फिक्र किसी को ___
अखरे किसी को किसी का ढंग।।
देखे दुनिया के रंग_________
(शेष बाद में लिखूंगा निरंतर)
राजेश व्यास अनुनय