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12 Dec 2020 · 1 min read

देखिये

प्रीत को छोड़ कर मत उधर देखिए

नैन मेरे बसे हो इधर देखिए

देह हो आपकी जब थकां से थकी

तब तबस्सुम बिखेरे अधर देखिए

आप पर शायरी जो लिखी थी कभी

आज उसका हुआ जो असर देखिए

नैन से नैन जब प्यार पलता रहे

दो दिलों का हुआ तय सफर देखिए

ढल रही सांझ अब लोट आओ सखा

बस जरा सा हमें भर नजर देखिए

हुस्न मेरा निखरने लगा रोज ही

अब बसा एक सुन्दर नगर देखिए

नव नवोढा बनी जब चलूँ मैं डगर

लोच अधर और कमसिन कमर देखिए

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