देखा है जब से तुमको
देखा है जब से तुमको,
कुछ दिल में होने लगा है।
कैसे बताऊं मै तुमको अब,
मुझे तुमसे प्यार होने लगा है।।
दिल नहीं लगता तुम्हारे बिना,
कैसे जी मै अब तुम्हारे बिना।
आओ जाओ मिलने के लिए,
वर्ना मर जाऊंगी तुम्हारे बिना।।
याद तो तुम्हे आती होगी मेरी,
आंखे भी फड़कती होगी तेरी।
जिंदा हूं बस तुम्हारी यादों में,
मेरी मौत हो बाहों मै तेरी।।
मौसम होता है जब सुहाना,
साथ में हो नदी का मुहाना।
जी करता तेरी बाहों मै आऊं,
पर मिलता नहीं कोई बहाना।।
तुम बिन जीवन का सार नहीं,
तुम बिन मेरा कोई प्यार नहीं।
कैसे कह दू मै अब तुमसे,
तुम पर मेरा अधिकार नहीं।।
आर के रस्तोगी गुरुग्राम