देखने वाले कहने लगे ——- स्नेह गीत
तूने देखा, मैंने देखा, दिल में कुछ कुछ होने लगा।
****देखने वाले कहने लगे, इन्हें प्रेम का रोग लगा।।****
कभी तू जागी कभी मै जागा,
दिल अपना यहां वहां भगा।।
****देखने वाले कहने लगे इन्हे प्रेम का रोग लगा।।****
(१)
आकर्षण और प्रतिकर्षण
का,
मेल वह ,कितना निराला था।
आंखो का था मेल यह अपना,
सपना दोनों ने पाला था।।
होने लगा था सजनी अब तो, हम दोनों का रतजगा।
****देखने वाले कहने लगे,इन्हे प्रेम का रोग लगा।।****
(२)
तेरी मेरी ,मेरी तेरी
मुलाकाते कुछ रोज चली।
घर परिजन को खबर लगी,
बाते उनमें होने लगी।
अपने बच्चो की अब देखो,
चर्चा चल रही गली गली।।
दो परिजन अब बन गए थे समधी,रिश्तों का जो रंग लगा।।
****देखने वाले कहने लगे,इन्हे प्रेम का रोग लगा।।****
**शेष गीत बाद में—————!
राजेश व्यास अनुनय