*देखने लायक नैनीताल (गीत)*
देखने लायक नैनीताल (गीत)
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दो पहाड़ के बीच ताल, कुदरत का अरे कमाल
जैसा भी है मगर देखने लायक नैनीताल
(1)
जब पहाड़ पर चढ़े झॉंक कर, नीचे नजर गड़ाई
नीचे का मैदान लगा , जैसे हो गहरी खाई
चट्टानों को काट रास्ता, किसने दिया निकाल
(2)
माल-रोड पर लगा, किसी मेले में ज्यों हम आए
भोजनालयों में वेटिंग में, लाइन लोग लगाए
खड़ी कहॉं हों कारें अब यह, सबसे बड़ा सवाल
(3)
अरे-अरे यह श्वेत कोहरा, क्षण में कैसा छाया
ओझल झील-पहाड़ी, नावों ने खुद को लौटाया
अभी धूप थी सुंदर जग सब, बारिश से बेहाल
जैसा भी है मगर देखने लायक नैनीताल
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रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451