Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Feb 2024 · 1 min read

देखते देखते मंज़र बदल गया

देखते देखते मंज़र बदल गया
धूप भी सिमट गयी
बादलों के आग़ोश में

पता नहीं पहाड़ों के बर्फ़
कब पिघलेंगे
देवदार के पेड़ भी
बर्फ़ की परतों से हैं बोझल

टूटे खिड़कियों से आती
ये सर्द हवा
फटे परदे रोक नहीं पातीं

ना जानें चराग़ की
कपकपाती लौ
कब बुझ जायेगी

2 Likes · 152 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Atul "Krishn"
View all
You may also like:
जाने क्यूं मुझ पर से
जाने क्यूं मुझ पर से
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
गजल सगीर
गजल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
जल कुंभी सा बढ़ रहा,
जल कुंभी सा बढ़ रहा,
sushil sarna
The people who love you the most deserve your patience, resp
The people who love you the most deserve your patience, resp
पूर्वार्थ
फूल की प्रेरणा खुशबू और मुस्कुराना हैं।
फूल की प्रेरणा खुशबू और मुस्कुराना हैं।
Neeraj Agarwal
मतलबी नहीं हूँ
मतलबी नहीं हूँ
हिमांशु Kulshrestha
अगर ये न होते
अगर ये न होते
Suryakant Dwivedi
अर्थार्जन का सुखद संयोग
अर्थार्जन का सुखद संयोग
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
#सीधी_बात-
#सीधी_बात-
*प्रणय*
आगे निकल जाना
आगे निकल जाना
surenderpal vaidya
रामजी कर देना उपकार
रामजी कर देना उपकार
Seema gupta,Alwar
लाल उठो!!
लाल उठो!!
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
शिकवा ,गिला
शिकवा ,गिला
Dr fauzia Naseem shad
"फागुन में"
Dr. Kishan tandon kranti
मनभावन
मनभावन
SHAMA PARVEEN
4520.*पूर्णिका*
4520.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
हमारा अस्तिव हमारे कर्म से होता है, किसी के नजरिए से नही.!!
हमारा अस्तिव हमारे कर्म से होता है, किसी के नजरिए से नही.!!
Jogendar singh
Hallucination Of This Night
Hallucination Of This Night
Manisha Manjari
बाल कविता: तितली रानी चली विद्यालय
बाल कविता: तितली रानी चली विद्यालय
Rajesh Kumar Arjun
श्री रामलला
श्री रामलला
Tarun Singh Pawar
क्या ख़ाक खुशी मिलती है मतलबी ज़माने से,
क्या ख़ाक खुशी मिलती है मतलबी ज़माने से,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
*समय होता कभी अच्छा, कभी होता बुरा भी है  (हिंदी गजल)*
*समय होता कभी अच्छा, कभी होता बुरा भी है (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
सुनो पहाड़ की.....!!! (भाग - ५)
सुनो पहाड़ की.....!!! (भाग - ५)
Kanchan Khanna
सरसी
सरसी
Dr.VINEETH M.C
उनके दामन से आती है खुश्बू सूकुन की.
उनके दामन से आती है खुश्बू सूकुन की.
Ranjeet kumar patre
एक शे'र
एक शे'र
रामश्याम हसीन
हां मैं दोगला...!
हां मैं दोगला...!
भवेश
रुकती है जब कलम मेरी
रुकती है जब कलम मेरी
Ajit Kumar "Karn"
ज़िंदा रहने से तो बेहतर है कि अपनें सपनों
ज़िंदा रहने से तो बेहतर है कि अपनें सपनों
Sonam Puneet Dubey
उफ ये सादगी तुम्हारी।
उफ ये सादगी तुम्हारी।
Taj Mohammad
Loading...