देखकर एक झोपड़ी आँख मेरी रो पड़ी
देखकर एक झोपड़ी आँख मेरी रो पड़ी !
सो रहा था एक बच्चा माँ की अपनी गोद में !
गोद में गुदड़ी नहीं थी साड़ी लिपटी तोद में !!
कह रही थीं माँ की ममता लाल मेरा सो गया !
दिन में अच्छा था भला रात में क्या हो गया !!
कोई तो उसको जगा दे आई कैसी ए घड़ी !
देखकर एक झोपड़ी आँख मेरी रो पड़ी !!
ठंड थीं उस दिन भयानक तन में कपड़े थे नहीं !
रब ना दे ऐसी गरीबी आँख मुझसे कह रही !!
सो गया भूखा वो बच्चा भाइयों के साथ में !
साथ में था माँ का आँचल टुकड़ा रोटी हाथ में !!
वोट पाकर खुश है नेता बात करता है बड़ी !
देखकर एक झोपड़ी आँख मेरी रो पड़ी !!