दृढ़ निश्चयी बनो **
खड़ा हिमालय पुकार रहा है ,
जीवन गाथा कह रहा है।
मानव दृढ़ निश्चय बनो,
धन नहीं तो क्या हुआ।
पूरा विश्वास रखो मन में,
असंभव कार्य को संभव बना दो,
अंधकार का
इतिहास बदल दो ।
अपने आत्मविश्वास से,
कमजोर आत्मविश्वास से।
बिगड़ जाते संभव कार्य,
पूरी शक्ति लगा दो,
एकाग्र चित्त होकर जुट जाओ।
सफलता के पायदान पर,
व्यक्ति के कठिन से कठिन कार्य,
किए व्यक्ति ने आत्म बल पर।
चढ गये उन्नति के शिखर पर ।
मन में ऐसे विचार रखो,
शिखर तक जाने में,
कौन रोक सकता है,
ऐसे व्यक्ति की सफलता निश्चित है।
“”””””””””””””अंशु कवि”””””””””””””‘”