Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Aug 2024 · 1 min read

दूहौ

वाणीं सूं नर औळखै, बोलों बैण विचार।
वीणौ घड़यौ काठ रौ, राग निकाळै तार।।

जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया…✍️

16 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
ह्रदय की पीड़ा से
ह्रदय की पीड़ा से
Dr fauzia Naseem shad
बोल दे जो बोलना है
बोल दे जो बोलना है
Monika Arora
बिन चाहे गले का हार क्यों बनना
बिन चाहे गले का हार क्यों बनना
Keshav kishor Kumar
स्क्रीनशॉट बटन
स्क्रीनशॉट बटन
Karuna Goswami
*खर्चा करके खुद किया ,अपना ही सम्मान (हास्य कुंडलिया )*
*खर्चा करके खुद किया ,अपना ही सम्मान (हास्य कुंडलिया )*
Ravi Prakash
चुप्पी!
चुप्पी!
कविता झा ‘गीत’
एक पल में ये अशोक बन जाता है
एक पल में ये अशोक बन जाता है
ruby kumari
क्यों ज़रूरी है स्कूटी !
क्यों ज़रूरी है स्कूटी !
Rakesh Bahanwal
"पहली नजर"
Dr. Kishan tandon kranti
कवित्व प्रतिभा के आप क्यों ना धनी हों ,पर आप में यदि व्यावहा
कवित्व प्रतिभा के आप क्यों ना धनी हों ,पर आप में यदि व्यावहा
DrLakshman Jha Parimal
वो ही तो यहाँ बदनाम प्यार को करते हैं
वो ही तो यहाँ बदनाम प्यार को करते हैं
gurudeenverma198
शहीद की अंतिम यात्रा
शहीद की अंतिम यात्रा
Nishant Kumar Mishra
कदम बढ़ाकर मुड़ना भी आसान कहां था।
कदम बढ़ाकर मुड़ना भी आसान कहां था।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
चन्द्रमाँ
चन्द्रमाँ
Sarfaraz Ahmed Aasee
नारी की शक्ति
नारी की शक्ति
Anamika Tiwari 'annpurna '
चाँदनी रातों में बसी है ख़्वाबों का हसीं समां,
चाँदनी रातों में बसी है ख़्वाबों का हसीं समां,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
सुकुमारी जो है जनकदुलारी है
सुकुमारी जो है जनकदुलारी है
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
3) “प्यार भरा ख़त”
3) “प्यार भरा ख़त”
Sapna Arora
आंखों से बयां नहीं होते
आंखों से बयां नहीं होते
Harminder Kaur
"पँछियोँ मेँ भी, अमिट है प्यार..!"
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
जब भी आप निराशा के दौर से गुजर रहे हों, तब आप किसी गमगीन के
जब भी आप निराशा के दौर से गुजर रहे हों, तब आप किसी गमगीन के
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
#काकोरी_दिवस_आज
#काकोरी_दिवस_आज
*प्रणय प्रभात*
Navratri
Navratri
Sidhartha Mishra
कुछ लोग जाहिर नहीं करते
कुछ लोग जाहिर नहीं करते
शेखर सिंह
3393⚘ *पूर्णिका* ⚘
3393⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
भय आपको सत्य से दूर करता है, चाहे वो स्वयं से ही भय क्यों न
भय आपको सत्य से दूर करता है, चाहे वो स्वयं से ही भय क्यों न
Ravikesh Jha
* विजयदशमी मनाएं हम *
* विजयदशमी मनाएं हम *
surenderpal vaidya
मन, तुम्हें समझना होगा
मन, तुम्हें समझना होगा
Seema gupta,Alwar
सत्य, अहिंसा, त्याग, तप, दान, दया की खान।
सत्य, अहिंसा, त्याग, तप, दान, दया की खान।
जगदीश शर्मा सहज
लघुकथा - एक रुपया
लघुकथा - एक रुपया
अशोक कुमार ढोरिया
Loading...