दूसरों की देख खुशियाँ अपना गम ज्यादा लग़ा
दूसरो की देख खुशियाँ अपना गम ज्यादा लगा
दूसरो के देखे जो गम ,अपना गम आधा लगा
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लिखी किसी ने दास्तां यूं दास्ताने इश्क़ की
मिला उसमे बादशाह खुद मै इक प्यादा लगा
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कपिल कुमार
23/10/2016