*दूसरी माँ फिर नहीं मिलती (सात शेर)*
दूसरी माँ फिर नहीं मिलती (सात शेर)
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(1)
वो चाहे जैसा हो लेकिन चला
आता है गोदी में
कोई नियमावली माँ की मौहब्बत में नहीं होती
(2)
उसे लगता है मेरा लाल सबसे खूबसूरत है
कोई बच्चा नजर से माँ की बदसूरत नहीं होता
(3)
ये वो दौलत है जो घर से कहीं बाहर नहीं मिलती
जो खो देते हैं माँ को, दूसरी माँ फिर नहीं मिलती
(4)
तुम्हारे पास सोना है, तुम्हारे पास चाँदी है
मगर उससे कहाँ माँ-बाप का कर्जा उतरता है
(5)
जिन्हें माँ-बाप का आशीष मिलता है, महकते हैं
चमक चेहरे से उनके जिन्दगी में कम नहीं होती
(6)
पढ़े हम दुनिया भर की जाने कितनी ही किताबें, पर
हमें माँ-बाप के आगे “नहीं”कहना नहीं आया
(7)
तुम्हारा फर्ज है बच्चों को लेकर उस जगह जाओ
जहाँ शर्मिन्दगी से सिर कभी नीचा नहीं होता
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रचयिता:रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा ,रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451