दूर बहुत
दूर बहुत कोई चला गया
न जाने कौन सी
दुनिया मे वो बसर गया
अपना सब कुछ यहीं पर छोड़ गया
सपने वादे रिश्ते नाते
सब इक पल मे तोड़ गया
क्या मिला वहाॅ पर उसको
जो वापिस आने का
रस्ता भी भूल गया
मिलेगा कभी, कहीं, किसी रूप मे
उम्मीदें इसकी भी सब तोड़ गया
कहता था जिनको अपना
दिल तोड़ के रोता छोड़ गया
इतने साल रहा जिसमे
उस दिल को सूना छोड़ गया
अपनी यादों के घेरे मे
जलने को अकेला छोड़ गया ।।
राज विग