दूर दूर तक
दूर दूर तक
तेरी यादों का छोर नहीं मिलता
बहुत तलाशा तुझ सा
कोई और नहीं मिलता
ख्वाबों और ख्वाहिशों में
बस एक तू ही तो है
तुझ में खो गया हूँ बे तरहा,
अफ़सोस महज इतना है
तू ही नहीं मिलता है
हिमांशु Kulshrestha
दूर दूर तक
तेरी यादों का छोर नहीं मिलता
बहुत तलाशा तुझ सा
कोई और नहीं मिलता
ख्वाबों और ख्वाहिशों में
बस एक तू ही तो है
तुझ में खो गया हूँ बे तरहा,
अफ़सोस महज इतना है
तू ही नहीं मिलता है
हिमांशु Kulshrestha