दूरी और प्रेम
दूरी कितनी भी रहे,
अपनों से हो प्यार।
केवल इससे ही बँधा,
यह सारा संसार।।
यह सारा संसार,
इसी से रिश्ते नाते।
सुख-दुःख में दे साथ,
स्नेह से रहे निभाते।।
‘डिम्पल’ समझों बात,
मानिए मत मजबूरी।
रहे हृदय में प्रेम,
पार करिए सब दूरी।।
@स्वरचित व मौलिक
शालिनी राय ‘डिम्पल’✍️