दूरियाँ
दूरियाँ तो एहसास में बसतीं हैं ।
पास होने पर भी हम कितनों को अपने से दूर पाते हैं। और बहुत दूर होने पर भी हम अपनों को अपने दिल के क़रीब मह़सूस करते हैं।
दूरियाँ तो एहसास में बसतीं हैं ।
पास होने पर भी हम कितनों को अपने से दूर पाते हैं। और बहुत दूर होने पर भी हम अपनों को अपने दिल के क़रीब मह़सूस करते हैं।