दूध-जले मुख से बिना फूंक फूंक के कही गयी फूहड़ बात! / MUSAFIR BAITHA
वर्ण–मतांधों पर विश्वास न करने की टोकरी भर वज़हें हैं, विश्वास करने को महज चुटकी भर कारणों की उपस्थिति एवं प्रतीति!
वर्ण–मतांधों पर विश्वास न करने की टोकरी भर वज़हें हैं, विश्वास करने को महज चुटकी भर कारणों की उपस्थिति एवं प्रतीति!