दूजा पाकिस्तान है।
मनहरण घनाक्षरी
****************
पुण्य भूमि भारती की ,ख्याति है वसुंधरा की।
जिस पर हुए खूब ,लोग भी महान है।
बड़े छोटे लोग जन्मे,मोहनदास उनमें।
आगे जाकर बना जो ,महान इंसान है।
करमचंद का ढोटा,पुतली बाई का बेटा।
कस्तूरबा के पति की , बनी पहचान है।
दो अक्टूबर के रोज़ ,पोरबंदर में मौज।
पंसारी जाति का गांधी, जानता जहान है।
*******************************
देवता न था दानव ,साधारण था मानव ।
साधारण आचरण , अद्वितीय काम था।
था अहिंसा का पुजारी ,और सत्य व्रत धारी ।
अडिग इरादों वाला , बापू गांधी नाम था।
पढ़ाई विलायत में , कारज अदालत में।
लेकिन जहन में तो , आदमी ही आम था।
वकालत छोड़ छाड़,स्तिथि भारत की ताड।
अंग्रेजी को ठोका फिर,विरोधी सलाम था।
******************************
करने को प्रतिकार , सत्याग्रह हथियार।
गांधी जी ने खोज डाला, आज विद्यमान है।
यह भी अंग्रेज़ जाने ,गांधीजी की बात माने ,
भारतीय लोगो पर , इनका सम्मान है।
इनके जो उपवास ,करते असर खास,
बड़े बड़े आंदोलन ,इसका प्रमान है।
इनके ही काम पर ,राष्ट्रपिता नाम कर,
जिनने दिया मान वो ,सुभाष महान है।
******************************
भारत आजाद हुआ , पर बरबाद हुआ।
टुकड़ो में बंटा जब ,देश महान है।
इन्हे नही सुख हुआ,गहन सा दुःख हुआ।
एक तरफ भारत , दूजा पाकिस्तान है।
इससे ही चिढ़कर ,गोडसे ने कुढ़कर,
मारी गोली चार ओर ,ली इनकी जान है।
सबके दिलो में ठीस, सन वो अड़तालीस
तीस जनवरी वाला, दिन गमवान है।
******************************
आज भी नोटो में छवि, लिखते लेखों में कवि।
बापू तेरी सादगी का ,जीवित प्रमान है।
लाठी और लँगोटी से , बिना कार कोठी से।
बिना चलाये हथियार , देश हिंदुस्तान है।
कलम घिसाई लिखे, कितने ही गुण दिखे
किसको बताऊं गांधी, कितने महान है।
नमन सभी का बापू , अहिँसा दिवस थापू।
सारा विश्व याद करे, गम में जहान है।
कलम घिसाई