दुल्हन अभी नई हूं मैं
शीश से पाँव तलक, जंजीर से बंधी हूं मैं
फिर भी हो खुश ये कहूं, प्रीत से सजी हूं मैं
ढल रही सांझ की मानिंद,उम्र ये “मासूम”
पर कहूं भोर सरी , दुल्हन अभी नई हूं मैं
मोनिका”मासूम” ?
शीश से पाँव तलक, जंजीर से बंधी हूं मैं
फिर भी हो खुश ये कहूं, प्रीत से सजी हूं मैं
ढल रही सांझ की मानिंद,उम्र ये “मासूम”
पर कहूं भोर सरी , दुल्हन अभी नई हूं मैं
मोनिका”मासूम” ?