Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 Feb 2023 · 1 min read

दुर -दुर

बीत गए कितने दिन,
बीत गयी कितनी राते,
दूर -दूर ओ रहते रहते है,
नही करते अब हमसे बाते।
दिल मे मेरे प्यार जगाकर ,
हमदर्दी का दीप जलाकर,
तोड़ दिए सब रिस्ते-नाते,
दूर -दूर ओ रहते है ,
नही करते अब हमसे बाते।

सुनील पासवान कुशीनगर

Language: Hindi
110 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
3883.*पूर्णिका*
3883.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
"" *माँ सरस्वती* ""
सुनीलानंद महंत
🙅आज का दोहा🙅
🙅आज का दोहा🙅
*प्रणय*
विचलित
विचलित
Mamta Rani
देखिए रिश्ते जब ज़ब मजबूत होते है
देखिए रिश्ते जब ज़ब मजबूत होते है
शेखर सिंह
हिंदी काव्य के प्रमुख छंद
हिंदी काव्य के प्रमुख छंद
मधुसूदन गौतम
ज़िद..
ज़िद..
हिमांशु Kulshrestha
*जो भी अच्छे काम करेगा, कलियुग में पछताएगा (हिंदी गजल)*
*जो भी अच्छे काम करेगा, कलियुग में पछताएगा (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
पुकार!
पुकार!
कविता झा ‘गीत’
ज़िन्दगी में जो ताक़त बनकर आते हैं
ज़िन्दगी में जो ताक़त बनकर आते हैं
Sonam Puneet Dubey
*मैं पक्षी होती
*मैं पक्षी होती
Madhu Shah
" अहम "
Dr. Kishan tandon kranti
विनम्रता ही व्यक्तित्व में निखार लाता है,
विनम्रता ही व्यक्तित्व में निखार लाता है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
पुरुष की चीख
पुरुष की चीख
SURYA PRAKASH SHARMA
राम रहीम और कान्हा
राम रहीम और कान्हा
Dinesh Kumar Gangwar
Shankar lal Dwivedi and Gopal Das Neeraj together in a Kavi sammelan
Shankar lal Dwivedi and Gopal Das Neeraj together in a Kavi sammelan
Shankar lal Dwivedi (1941-81)
काव्य-अनुभव और काव्य-अनुभूति
काव्य-अनुभव और काव्य-अनुभूति
कवि रमेशराज
*साम्ब षट्पदी---*
*साम्ब षट्पदी---*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
मिथ्या इस  संसार में,  अर्थहीन  सम्बंध।
मिथ्या इस संसार में, अर्थहीन सम्बंध।
sushil sarna
फागुन होली
फागुन होली
Khaimsingh Saini
कौन‌ है, राह गलत उनको चलाता क्यों है।
कौन‌ है, राह गलत उनको चलाता क्यों है।
सत्य कुमार प्रेमी
क्या कहूँ
क्या कहूँ
Ajay Mishra
श्री राम का भ्रातृत्व प्रेम
श्री राम का भ्रातृत्व प्रेम
Pankaj Bindas
प्रदूषन
प्रदूषन
Bodhisatva kastooriya
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
नया सपना
नया सपना
Kanchan Khanna
ग़ज़ल _ दर्द सावन के हसीं होते , सुहाती हैं बहारें !
ग़ज़ल _ दर्द सावन के हसीं होते , सुहाती हैं बहारें !
Neelofar Khan
सबसे कम
सबसे कम
©️ दामिनी नारायण सिंह
पाठ कविता रुबाई kaweeshwar
पाठ कविता रुबाई kaweeshwar
jayanth kaweeshwar
*आंतरिक ऊर्जा*
*आंतरिक ऊर्जा*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
Loading...