दुर -दुर
बीत गए कितने दिन,
बीत गयी कितनी राते,
दूर -दूर ओ रहते रहते है,
नही करते अब हमसे बाते।
दिल मे मेरे प्यार जगाकर ,
हमदर्दी का दीप जलाकर,
तोड़ दिए सब रिस्ते-नाते,
दूर -दूर ओ रहते है ,
नही करते अब हमसे बाते।
सुनील पासवान कुशीनगर
बीत गए कितने दिन,
बीत गयी कितनी राते,
दूर -दूर ओ रहते रहते है,
नही करते अब हमसे बाते।
दिल मे मेरे प्यार जगाकर ,
हमदर्दी का दीप जलाकर,
तोड़ दिए सब रिस्ते-नाते,
दूर -दूर ओ रहते है ,
नही करते अब हमसे बाते।
सुनील पासवान कुशीनगर