दुर्मिल सवैया
दुर्मिल सवैया
॰॰॰
हम चाह रहे कुछ वक्त मिले इस जीवन मेँ कविता चलती
यह भागमभाग भरी दुनिया अब छोड़ कहीँ दिल मेँ पलती
कविता बिन चैन कहाँ कवि को यह साँस समा कर के ढलती
पर वक्त नहीँ मिलता पल तो यह बात बड़ी मन को खलती
– आकाश महेशपुरी
दुर्मिल सवैया
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हम चाह रहे कुछ वक्त मिले इस जीवन मेँ कविता चलती
यह भागमभाग भरी दुनिया अब छोड़ कहीँ दिल मेँ पलती
कविता बिन चैन कहाँ कवि को यह साँस समा कर के ढलती
पर वक्त नहीँ मिलता पल तो यह बात बड़ी मन को खलती
– आकाश महेशपुरी