“दुर्गापूजा”
“दुर्गापूजा”
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देखो आया है, दुर्गा पूजा;
धूमधाम से, इसे मनाओ;
नौ दिन की होती है पूजा;
सब ‘जय माता दी’ गाओ;
मातरानी है सबको प्यारी;
शेर की करती ये, सवारी;
त्रिशूल,तलवार है हाथ में;
शंख, चक्र, और पुष्प भी;
रखती हैं,मां दुर्गा साथ में;
‘शैलपुत्री’ , ‘ ब्रह्मचारिणी’;
‘मां चंद्रघंटा’,मां कूष्मांडा,
‘स्कंदमाता’ , ‘कात्यायनी’
कालरात्रि, महागौरी और
‘सिद्धिदात्री’ही नवरूप हैं;
‘दुर्गा मां’ की ये स्वरूप है;
ये भक्तो को वरदान देती;
‘दानवों’ के ये, प्राण लेती;
संकट में सब इन्हें बुलाते,
‘जय माता दी’ सब, गाते।
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…✍️प्रांजल
… कटिहार।।