— दुनिया है ये —
सब से बड़ा है जो रोग
क्या …कहेंगे लोग
अच्छा हो या बुरा
जरुर कहेंगे लोग
भला वो कहाँ कहने से
चुका करते हैं लोग
दरियादिली बरसा दो
या करो किसी से प्यार
लूटा तो अपना चाहे घर
या लूटा दो व्यापार
कहने की आदत जो है
रूका नही करते लोग
कौन किसी से लेकर खाता
किसी से किसी का कितना नाता
करते सब अपने ही मन की
कहने वाले का मुंह
कभी भी नही रूक पाता
जब जब उलझोगे दुनिया से
अपना वक्त गवाओगे
करो समझ अपनी से
जो खुद के दिल की हो आवाज
फिर जो कहें कहते रहे
अपना मन हम करते रहे
कहाँ तक सुनोगे तुम
हर दिशा पर बखान
करने वालों के गुणगान
अजीत कुमार तलवार
मेरठ