दुनिया को अपना समझना ही भूल है,
दुनिया को अपना समझना ही भूल है,
अपने तो सिर्फ रिश्ते ही होते हैं।
बाकी तो सभी सांवरे फिजूल है,
रिश्ते ही जीवन में फरिश्ते हैं।
लड़ेंगे और प्यार बेसुमार देंगे,
आस्तीन में खंजर तो नहीं रखते।
श्याम सांवरा..
दुनिया को अपना समझना ही भूल है,
अपने तो सिर्फ रिश्ते ही होते हैं।
बाकी तो सभी सांवरे फिजूल है,
रिश्ते ही जीवन में फरिश्ते हैं।
लड़ेंगे और प्यार बेसुमार देंगे,
आस्तीन में खंजर तो नहीं रखते।
श्याम सांवरा..