दुनिया के रचनाकार।
ये दुनिया के रचनाकार। तुम्हें नमस्कार है, तुम्हें नमस्कार है।सौ सौ बार————-तेरी ये अद्भुत रचना। कोई पाये न नजर से बचना।तुम्हे नमस्कार है, तुम्हें नमस्कार है—-सौ सौ बार—-++एक फूल के कई रंग बनाये। कैसी कैसी कला से सजाये। वर्णन न कर पाये ये धरती का कलमकार। ये दुनिया के रचनाकार, ये दुनिया के रचनाकार।तुम्हे नमस्कार है तुम्हें नमस्कार। कैसे रचा है ब्रह्मांड निकाया। कहीं धूप है कहीं छाया। हमेशा चलती है, वर्तनी तुम्हार।ये दुनिया के रचनाकार , तुम्हें नमस्कार है तुम्हें नमस्कार।कितनी कितनी हो रहीं हैं, खोजें अरम्पार।तुम्हे जानने की कोशिश में लगा हुआ संसार।ये दुनिया के रचनाकार, तुम्हें नमस्कार है तुम्हें नमस्कार है। कोई काम करें , कोई न करें पेट सभी का भरते हैं।बिना किसी कागज के हिसाब सभी का रखते हैं।बनते हैं सभी जीवों के पालनहार। ये दुनिया के रचनाकार, तुम्हें नमस्कार है तुम्हें नमस्कार।