=-=-=-दुनिया के रंग – =-=-=
मतलब की है यह दुनिया, चले दो रंगी चाल।
जब तक आपसे स्वार्थ है, आप हो बेमिसाल।।
आप हो बेमिसाल, कोई न आप से प्यारा।
ज्यों ही मकसद पूर्ण हुआ, फिर कैसा भाईचारा।।
कहे रंजना देखो हरदम, ये बात है गौरतलब।
स्वार्थ के हैं रिश्ते कोई, नाता न जोड़े बे मतलब।।
रंजना माथुर दिनांक 19/09/2017
मेरी स्व रचित व मौलिक रचना
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