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7 Jun 2024 · 1 min read

“दुनिया के बदलने का कोई ग़म नहीं मुझे।

“दुनिया के बदलने का कोई ग़म नहीं मुझे।
बस कुछ के बदलने से कई ज़ख़्म मिले हैं।।”

😢प्रणय प्रभात😢

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