Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Jul 2021 · 1 min read

दुनिया का पहला शायर

ना जाने उसके दिल पर क्या बीता था
जिसने पहला-पहला गीत गाया था…
उसने आंसू में अपना ख़ून मिलाकर
काग़ज़ पर एक-एक हर्फ़ लिखा था…
#Geetkar
Shekhar Chandra Mitra
(A Dream of Love)

Language: Hindi
Tag: शेर
492 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
हे महादेव
हे महादेव
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
सत्य यह भी
सत्य यह भी
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
*बहती हुई नदी का पानी, क्षण-भर कब रुक पाया है (हिंदी गजल)*
*बहती हुई नदी का पानी, क्षण-भर कब रुक पाया है (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
माँ
माँ
Kavita Chouhan
2604.पूर्णिका
2604.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
ज़िंदगानी
ज़िंदगानी
Shyam Sundar Subramanian
जख्म भरता है इसी बहाने से
जख्म भरता है इसी बहाने से
Anil Mishra Prahari
अच्छा लगने लगा है उसे
अच्छा लगने लगा है उसे
Vijay Nayak
जीवन के उपन्यास के कलाकार हैं ईश्वर
जीवन के उपन्यास के कलाकार हैं ईश्वर
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
परिवार
परिवार
Neeraj Agarwal
कई जीत बाकी है कई हार बाकी है, अभी तो जिंदगी का सार बाकी है।
कई जीत बाकी है कई हार बाकी है, अभी तो जिंदगी का सार बाकी है।
Vipin Singh
तुम्हारी छवि...
तुम्हारी छवि...
उमर त्रिपाठी
चयन
चयन
Dr. Pradeep Kumar Sharma
Cottage house
Cottage house
Otteri Selvakumar
न बदले...!
न बदले...!
Srishty Bansal
*चैतन्य एक आंतरिक ऊर्जा*
*चैतन्य एक आंतरिक ऊर्जा*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
चंद्रयान 3
चंद्रयान 3
बिमल तिवारी “आत्मबोध”
जिंदगी में संतुलन खुद की कमियों को समझने से बना रहता है,
जिंदगी में संतुलन खुद की कमियों को समझने से बना रहता है,
Seema gupta,Alwar
तुम मुझे दिल से
तुम मुझे दिल से
Dr fauzia Naseem shad
खाने पुराने
खाने पुराने
Sanjay ' शून्य'
*......सबको लड़ना पड़ता है.......*
*......सबको लड़ना पड़ता है.......*
Naushaba Suriya
साधक
साधक
सतीश तिवारी 'सरस'
दीवाली
दीवाली
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
रूप से कह दो की देखें दूसरों का घर,
रूप से कह दो की देखें दूसरों का घर,
पूर्वार्थ
"वो यादगारनामे"
Rajul Kushwaha
प्रेम दिवानी
प्रेम दिवानी
Pratibha Pandey
#एक_ही_तमन्ना
#एक_ही_तमन्ना
*Author प्रणय प्रभात*
रिश्ते नातों के बोझ को उठाए फिरता हूॅ॑
रिश्ते नातों के बोझ को उठाए फिरता हूॅ॑
VINOD CHAUHAN
आदमखोर बना जहाँ,
आदमखोर बना जहाँ,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
सरसी छंद और विधाएं
सरसी छंद और विधाएं
Subhash Singhai
Loading...