दुनिया का दस्तूर
एक चीज़ अच्छी है
इस दुनिया में
समय के साथ
सबकुछ बदलता है
इस दुनिया में।
है नहीं आज
वक्त अच्छा किसी का,
कोई बात नहीं
कभी वक्त बुरा हो
तो अच्छा वक्त भी आता है
इस दुनिया में।।
जो रो रहा है आज
कल उसके चेहरे पर
होगी एक मुस्कान
मिलेगी खुशी उसको।
घूमता है जो भूखे पेट
सहते हुए दिन की गर्मी
और रातों की सर्दी, कल
मिलेगा आशियाना उसको।।
कुछ भी तो स्थिर
नहीं है यहां पर।
दिन को धूप है तो
शाम को छांव है यहां पर।।
रात के बाद ही
दिन आता है
और अंधेरे के बाद
आता है उजाला।
यही दस्तूर है
इस दुनिया का
न हो परेशान,
रखो थोड़ा सब्र
जल्द ही तुम्हारी दुनिया
में भी होगा उजाला।।
ये तो बस समय का
चक्र है प्यारे।
तेरे भी दुख दर्द
दूर हो जायेंगे सारे।।
नहीं हारना है बस
कोशिश करते रहना है।
वक्त बदलेगा ज़रूर
इबादत करते रहना है।।