Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 May 2024 · 1 min read

“दुनियादारी”

न चुप्पी ही सही जाती हैं, न बातें ही कही जाती हैं;
दिल से गर जुड़ जाए कोई जुबां से अनबन हो जाती है।
कभी कहलाती मुफट, कभी पत्थर दिल कहलाती है।
सच्चे तलाशने वालों को गर सच्चाई दिखलाती हैं।
कंकर – पत्थर, शूल- काटें मिलकर राह बनाती है।
समझदारी आती बाहें फलाए नादानियों को तले दबाती हैं।
जगह बनाती हैं खुद की और सब कुछ निगल जाती हैं।
मेरे भीतर की नादान लड़की भीतर ही मर जाती हैं।
“ओश” दोगली नहीं हैं ये दुनियां, दोगलेपन को शर्म आती हैं।
हकीकी ज़मीं पे नज़र घुमाओ ये अनगिनत चेहरे दिखाती हैं।l

ओसमणी साहू ‘ओश’ रायपुर (छत्तीसगढ़)

3 Likes · 77 Views

You may also like these posts

सद्ज्ञानमय प्रकाश फैलाना हमारी शान है।
सद्ज्ञानमय प्रकाश फैलाना हमारी शान है।
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
तमन्ना
तमन्ना
Annu Gurjar
ये जिंदगी है साहब.
ये जिंदगी है साहब.
शेखर सिंह
" रे, पंछी पिंजड़ा में पछताए "
Chunnu Lal Gupta
प्रेम के दो  वचन बोल दो बोल दो
प्रेम के दो वचन बोल दो बोल दो
Dr Archana Gupta
जाने वो कौन सी रोटी है
जाने वो कौन सी रोटी है
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
ये नामुमकिन है कि...
ये नामुमकिन है कि...
Ravi Betulwala
कैसे ज़मीं की बात करें
कैसे ज़मीं की बात करें
अरशद रसूल बदायूंनी
~ग़ज़ल ~
~ग़ज़ल ~
Vijay kumar Pandey
बथुवे जैसी लड़कियाँ /  ऋतु राज (पूरी कविता...)
बथुवे जैसी लड़कियाँ / ऋतु राज (पूरी कविता...)
Rituraj shivem verma
नश्वर संसार
नश्वर संसार
Shyam Sundar Subramanian
इबादत आपकी
इबादत आपकी
Dr fauzia Naseem shad
"अभिप्रेरणा"
Dr. Kishan tandon kranti
मुझे तुम अपनी बाँहों में
मुझे तुम अपनी बाँहों में
DrLakshman Jha Parimal
अब आदमी के जाने कितने रंग हो गए।
अब आदमी के जाने कितने रंग हो गए।
सत्य कुमार प्रेमी
एक झलक
एक झलक
Dr. Upasana Pandey
"मैं और मेरी मौत"
Pushpraj Anant
संघर्ष
संघर्ष
Ashwini sharma
डॉ0 रामबली मिश्र:व्यक्तित्व एवं कृतित्व
डॉ0 रामबली मिश्र:व्यक्तित्व एवं कृतित्व
Rambali Mishra
आर्या कंपटीशन कोचिंग क्लासेज केदलीपुर ईरनी रोड ठेकमा आजमगढ़।
आर्या कंपटीशन कोचिंग क्लासेज केदलीपुर ईरनी रोड ठेकमा आजमगढ़।
Rj Anand Prajapati
शहीदों को नमन
शहीदों को नमन
Dinesh Kumar Gangwar
#अजब_गज़ब
#अजब_गज़ब
*प्रणय*
याद हो आया !
याद हो आया !
पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"
मैंने अपनी तन्हाई में
मैंने अपनी तन्हाई में
Chitra Bisht
4754.*पूर्णिका*
4754.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
जीवन पथ एक नैय्या है,
जीवन पथ एक नैय्या है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
अमर स्वाधीनता सैनानी डॉ. राजेन्द्र प्रसाद
अमर स्वाधीनता सैनानी डॉ. राजेन्द्र प्रसाद
कवि रमेशराज
बरसात सा जीवन
बरसात सा जीवन
Vivek Pandey
प्रिय, बीत गये मधुमास....
प्रिय, बीत गये मधुमास....
TAMANNA BILASPURI
#शून्य कलिप्रतिभा रचती है
#शून्य कलिप्रतिभा रचती है
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
Loading...