दुनियादारी
लोग तो बस दुनियादारी निभाते हैं,
बहाकर दो आंसू किसी के गम में,
फिर अपने रास्ते वो चले जाते है।
उजड़ा जिसका चमन उसके दर्द को,
उसका दिल ही जाने या खुदा ।
उम्र भर कहां लोग आंसू पोंछने आते हैं।
लोग तो बस दुनियादारी निभाते हैं,
बहाकर दो आंसू किसी के गम में,
फिर अपने रास्ते वो चले जाते है।
उजड़ा जिसका चमन उसके दर्द को,
उसका दिल ही जाने या खुदा ।
उम्र भर कहां लोग आंसू पोंछने आते हैं।